तारों में अकेला चाँद जगमगाता है
मुश्किलों में ही अक्सर इंसान डगमगाता है
पर मत भूलों उस गुलाब को
जो काँटों के बीच रह कर भी सदा मुस्कुराता है
बिखेरता है तो सिर्फ खुशबू अपनी! अपने दर्द को कभी नहीं दिखलाता है !
देखने में भले ही छोटा सा हो, किन्तु एक बड़ी सिख सिखाता है
सिखलाता है काटों से मत घबराना मेरे दोस्त
क्यूंकि काटों में ही रहकर एक गुलाब मुस्कुराता है, तुम भी मुस्कुराओं !
कोई भी मुश्किल तुम्हारे इरादों की मजबूती को हिला नहीं सकती
जब एक फूल खिल सकता है हाज़ारों काटों के बीच ,तो तुम तो इंसान हो
याद रखो इस बात को और आगे बढ़ो
रास्ते तुम्हारा इंतज़ार करतें है
रास्तों पर चलते चलते मंजीलें खुद व् खुद मिल जायेंगी
और तुम्हारी जिंदगी भी एक दिन गुलाब सी खिल जायेगी !
मुश्किलों में ही अक्सर इंसान डगमगाता है
पर मत भूलों उस गुलाब को
जो काँटों के बीच रह कर भी सदा मुस्कुराता है
बिखेरता है तो सिर्फ खुशबू अपनी! अपने दर्द को कभी नहीं दिखलाता है !
देखने में भले ही छोटा सा हो, किन्तु एक बड़ी सिख सिखाता है
सिखलाता है काटों से मत घबराना मेरे दोस्त
क्यूंकि काटों में ही रहकर एक गुलाब मुस्कुराता है, तुम भी मुस्कुराओं !
कोई भी मुश्किल तुम्हारे इरादों की मजबूती को हिला नहीं सकती
जब एक फूल खिल सकता है हाज़ारों काटों के बीच ,तो तुम तो इंसान हो
याद रखो इस बात को और आगे बढ़ो
रास्ते तुम्हारा इंतज़ार करतें है
रास्तों पर चलते चलते मंजीलें खुद व् खुद मिल जायेंगी
और तुम्हारी जिंदगी भी एक दिन गुलाब सी खिल जायेगी !
- By Neelam