मराठी सिंघम....

IPS शिवदीप लांडे
पटना सिटी एसपी शिवदीप लांडे के ट्रांसफर से सारा शहर नाखुश नजर आ रहा है लेकिन शायद शहर की लडकियों को यूं अपने दबंग एसपी के जाने से काफी दुःख पहुंचा है। शहर की लडकियों ने खुलेआम अपनी नाराजगी जतायी है। लांडे के ट्रांसफर के विरोध में पटना के कालेजों की छात्राओं ने कैंडिल मार्च निकाला निकालकर राज्य सरकार से लांडे के तबादले रोकने की मांग की है।

बता दें कि लांडे वह पुलिस अधिकारी है जिसका फोन नंबर शहर की अधिकांश लडकियों के पास है और वे किसी भी मुसीबत में होने पर सबसे पहले एसपी लांडे को मदद के लिए फोन किया करती है। एसपी लांडे ने पटना में लडकियों के साथ होने छेडछाड जैसी घटनाओं पर लगाम लगायी। अब जब लांडे का तबादला कर अररिया का एसपी बनाया गया है तो इस दबंग एसपी के जाने से लोग काफी दुखी हैं।


2006 बैच के आईपीएस अधिकारी लांडे अपने 10 महीने के कार्यकाल में लोगों के बीच इस तरीके से छा गए हैं कि लोग उन्हें एसएमएस के जरिए तबादला रुकवाने की अपील तक कर रहे हैं। उनके तबादले के आदेश जारी होने के बाद से प्रतिदिन 300 से अधिक एसएमएस लांडे को मिल रहे है। इन सब में सबसे मजेदार बात तो यह है कि एसएमएस करने वालों में लडकियों की संख्या अधिक है। यहीं नहीं लडकियां फोन कर अपने दबंग एसपी से ट्रांसफर रुकवाने का अनुरोध करने से बाज नहीं आ रही हैं। लडकियों ने तो अपने प्यार व शादी का प्रस्ताव तक एसपी से कर डाला है। एसपी साहब को प्रतिदिन लडकियों के ऐसे लव मैसेजेस व फोन कॉल्स आते रहते हैं। आलम यह है कि कई माता पिता तो अपनी बेटी के साथ 8 घंटे का सफर कर एसपी साहब के नए कार्यालय अररिया में शादी का प्रस्ताव लेकर पहुँच रहे हैं। इन सबके बावजूद लांडे बडी शालीनता से सभी के फोन काल्स व एसएमएस का जवाब करते हैं।
इस बाबत जब एसपी लांडे से पूछा गया कि वे फोन काल्स पर कैसे प्रतिक्रिया जताते हैं तो उन्होंने बताया कि उन्हें प्रतिदिन करीब 400 फोन कॉल्स आ रहे हैं और ये सब सिर्फ तबादले रोकने से संबंधित नहीं है बल्कि लोगों को किसी प्रकार की परेशानी होती है तो वे बेझिझक मुझे फोन करते हैं और ऐसे इसलिए है क्यों कि उन्हें विश्वास है कि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द किया जाएगा।
लांडे जितना अपनी ड्यूटी पर सख्त नजर आते हैं वे उतने ही विनम्र स्वभाव के इंसान है। वे अपने वेतन का करीब 60 फीसदी युवा संगठन को दान कर देते हैं। इसके अलावा कई सारी समाजिक कार्यों में सहयोग करते रहते हैं। कई बार गरीब लडकियों की सामूहिक शादी करवायी है तो कई बार गरीब व पिछड़े बच्चों के लिए मुफ्त कोचिंग की व्यवस्था भी करवायी है।
वहीं राज्य सरकार का कहना है कि लांडे को जिले की कमान सौंपी जा रही है क्योंकि वह 2006 बैच के अफसर हैं और राज्य सरकार ने 2008 बैच के आईपीएस अफसरों को जिले की कमान सौंप चुकी है।

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