जिंदगी कि सिख....



जिंदगी कि आदत है ठोकरें देने कि ,
हर मोड़ पर एक नई परीक्षा लेने कि !

दिखाती है कई नए रास्ते,
मंजिलों से भी परिचय कराती है जिंदगी,

जहाँ में कभी मिलाती है फरिश्तो से,
तो कभी राक्षसों से सामना कराती है जिंदगी,
हर मोड़ पर इंसान को कुछ नया सबक पढ़ा जाती है जिंदगी!

किसी कि आँखों में सपने तो,
किसी को निराश कर जाती है जिंदगी,
किसी को कामयाबी तो किसी को गुमनामी दे जाती है जिंदगी,

अपनी हर एक ठोकर से, एक नई सीख सिखाती है जिंदगी,
नाजुक कांच से, हमें एक मजबूत चट्टान बनती है जिंदगी!

ठोकरे खा कर गिर जाना नहीं ,
मुश्किलों के आगे सर झुकाना नहीं,
सपनों के टूटने पर बिखर जाना नहीं, ये सब हमे बताती है ये जिंदगी !

ठोकरे खा खा कर आगे बढते जाना हे तुझे ....
अपने सपनों को सच कर दिखाना है तुझे....
ठोकरे तेरे इरादों से ज़्यादा मजबूत नहीं, सिर्फ ये आईना ज़िन्दगी को दिखाना है तुझे!

- By Neelam
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